सही लोग

जमीन से जुड़े वे लोग जिनका वर्तमान और भविष्य बिहार की बदहाली और खुशहाली से जुड़ा है, जिन्हें मुद्दों की समझ है, जो लोग अपने स्तर पर यहां की समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रयासरत हैं और इन सबसे बढ़कर जिन... अधिक जानिए
प्रशांत किशोर ने बताया कि बिहार में उद्योग के लिए पैसा कहां से आएगा
स्वतंत्रता के बाद 50 के दशक में भारत के अग्रणी राज्यों में शामिल बिहार, आज देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है आज गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से लोगों का यहां बुरा हाल है। अब समय है स्थिति को बदलने का और लोगों के जीवन में बेहतरी के लिए, बिहार की व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन का इस संकल्प के साथ और आने वाले 10 सालों में बिहार को देश के शीर्ष 10 राज्यों की श्रेणी में शामिल कराने के लिए जन सुराज का यह अभियान समाज के सही लोगों को जोड़कर, एक सही सोच के साथ सामूहिक प्रयास के जरिए एक ऐसी व्यवस्था बनाने की कोशिश है, जिससे सत्ता परिवर्तन सही मायनों में व्यवस्था परिवर्तन का जरिया बने।
जमीन से जुड़े वे लोग जिनका वर्तमान और भविष्य बिहार की बदहाली और खुशहाली से जुड़ा है, जिन्हें मुद्दों की समझ है, जो लोग अपने स्तर पर यहां की समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रयासरत हैं और इन सबसे बढ़कर जिन... अधिक जानिए
बिहार के समग्र विकास का एकमात्र रास्ता सुराज (Good Governance) है, ऐसा सुराज जो किसी व्यक्ति या दल का न होकर, जनता का हो – ‘जन सुराज ’ (People’s Good Governance) गांधी जी की सोच से प्रेरित ‘जन सुराज... अधिक जानिए
लोकतंत्र में राजनीतिक दल अथवा मंच समाज के बेहतरी के लिए लोगों के सामूहिक प्रयास करने का जरिया होते हैं। जन सुराज, इस पहल में एक ऐसे राजनितिक मंच की परिकल्पना है जो लोगों को उनकी क्षमता के अनुसार बिहार... अधिक जानिए
जमीन से जुड़े वे लोग जिनका वर्तमान और भविष्य बिहार की बदहाली और खुशहाली से जुड़ा है, जिन्हें मुद...
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अधिक जानिएदिन
ग्राम
ब्लॉक
पंचायत
सिंगवाड़ा, जाले (वर्तमान ब्लॉक)
दिन
पंचायत
ग्राम
ब्लॉक
यूथ क्लब प्रशांत किशोर जी के मार्गदर्शन में ऐसे युवाओं के लिए एक मंच है, जो बदलाव के साथ-साथ अपनी राजनीतिक सफर को आरम्भ करना चाहते हैं। साथ ही यूथ क्लब अपने सदस्यों को जमीनी स्तर पर काम करने का मौका देकर उन्हें राजनीतिक एवं सामाजिक तौर पर अपनी पहचान बनाने में सहायता करता है ताकि वे अपनी राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित कर सकें।
कुल क्लब
कुल सदस्य
कुल पंचायत
ब्लॉक संयोजक
कुल क्लब
कुल पंचायत
कुल सदस्य
ब्लॉक संयोजक
बिहार का निवासी होना चाहिए और बिहार में रहना चाहिए
आयु 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए
यूथ क्लब खोलने के लिए स्मार्टफोन और जगह होनी चाहिए
जन सुराज की सोच यह है कि किसी भी व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन तभी हो सकता है जब सही लोग, सही सोच के साथ सामूहिक प्रयास करते हैं। इसी दिशा में JSYLP भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने को मजबूत करने की दिशा में प्रयास करने वाले युवाओं के लिए एक मंच हैं। जिससे जुड़कर युवा अपनी राजनीतिक व सामाजिक समझ को बेहतर कर सकते हैं। इस मंच के तीन उद्देश्य हैं।
कुल राज्य
कुल आवेदन
कुल ज़िला
कुल पंजीकरण
कुल फ़ेलो
बिहार जैसे गरीब और पिछड़े राज्य में व्यवस्था की कमी और आर्थिक तंगी की वजह से ज्यादातर लड़कियां 12वीं के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ देती हैं और उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती हैं। ऐसी छात्राओं की मदद के लिए ही जन सुराज की एक पहल है जन सुराज मेधा छात्रवृत्ति। इस छात्रवृत्ति के लिए बिहार की 100 लड़कियों को चयनित किया गया जिससे कि वे अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकें।
अधिक जानिएकुल छात्रा
कुल छात्रवृत्ति
कुल अवधि
कुल पंजीकरण
कुल पंजीकरण
कुल उपस्थिति
कुल छात्रवृत्ति
जन सुराज क्या है?
जन का मतलब लोग और सुराज का मतलब सुंदर राज इसलिए जन सुराज का मतलब हुआ जनता का सुंदर राज यानी लोगों की अच्छी सरकार.
कौन हैं समाज के सही लोग?
हमारा मानना है कि सही लोग वे लोग हैं जिनकी समाज में साफ सुथरी छवि हो और जो समाज में एक अच्छा बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं क्योंकि सही लोगों को मजबूत बनाया जा सकता है लेकिन यह जरूरी नहीं है कि मजबूत लोग सही लोग हों.
सही सोच क्या है ?
सही सोच का मतलब है "जो समाज के लिए कुछ करना चाहते हों और ईमानदारी से राज्य का विकास चाहते हों "
सामूहिक प्रयास का मतलब क्या है?
सामूहिक प्रयास से मतलब है कि समाज के सभी अच्छे लोग एकजुट होकर प्रयास करें तभी बिहार को सुधारा जा सकता है.
जन सुराज पदयात्रा के 3 मुख्य उद्देश्य क्या हैं ?
बिहार के पिछड़ेपन का मुख्य कारण क्या है और यह स्थिति कैसे सुधरेगी?
बिहार राजनीतिक अस्थिरता वाला राज्य था. 1967 से 1990 के बीच 23 साल में बिहार में 25 सरकारें आयीं और गयीं साथ ही 5 बार राष्ट्रपति शासन लगा और 20 अलग-अलग लोग मुख्यमंत्री बने, 1990 से जब लालू जी ने सत्ता संभाली तो उन्होंने सामाजिक न्याय को लेकर कुछ प्रयास किए लेकिन जिन वर्गों को उन्होंने आवाज दी उन्हें शिक्षा, जमीन या पूंजी नहीं दी. साथ ही उनके शासनकाल में अपराध इतना बढ़ गया कि इसे जंगलराज कहा जाने लगा. साल 2005 में नीतीश कुमार जी सत्ता में आए उन्होंने कुछ काम भी किए लेकिन 2004 में बिहार प्रति व्यक्ति आय में देश में 28 वें नम्बर पर था और नीतीश जी के 18 साल के शासन के वावजूद बिहार प्रति व्यक्ति आय में आज भी अंतिम पायदान पर ही बना हुआ है. इससे पता चलता है कि अन्य राज्यों की तुलना में बिहार के विकास की गति बहुत धीरे ही रही.
अगर कोई व्यक्ति या दल यह कहता है कि वह बिहार को सुधार देगा तो वह या तो बेवकूफ है या आपको बेवकूफ बना रहा है. उसको पता नहीं है कि समस्या कितनी बड़ी है. इसका समाधान कोई भी अकेले नहीं कर सकता है. इस समस्या को समाज की ताकत को जोड़कर ही हल किया जा सकता है. बिहार के लोग बेवकूफ नहीं हैं यहां की व्यवस्था ने इनको बांधकर रखा है.